दोस्तों , सबसे पहले बात करते है जे . एन. यू . की , भारत की सबसे ख़ास समझे जाने वाले इस विश्वविद्यालय का माहौल दरसल है क्या ?
भारत की राजनीति को अन्दर तक प्रभावित करती है यहाँ की राजनीति . यहाँ के छात्र संघ के चुनाव इस पुरे देश के लिए एक आदर्श है .
कहीं कोई हिंसा नहीं , कही कोई पैसों का जोर नहीं , पर आखिर है तो ये राजनीति ही . क्या भला कूड़ा भी कभी साफ़ हो सकता है , नहीं ना !
(माफ़ कीजिये की मुझे इस तरह के शब्द प्रयोग करने पड़ रहे हैं )तो राजनीति की गंदगी से जे . एन. यू . भी अछूता नहीं है .
आपको बताता चलूँ की यहाँ जे . एन. यू . में वामपंथियों का ही जोर है , जिनके लिए नंदीग्राम मामला , सिंगुर मसला , एटॉमिक डील यहाँ के छात्रों की समस्याओं से ज्यादा बड़े है .
अब मै सीधे रैगिंग के मसले पर आता हूँ , यहाँ जे . एन. यू . में एम् .सी .ऐ. के स्टूडेंट्स के बीच में बहुत गहरा सौहाद्र है , और इस के बीच कही भी जूनियर्स या सीनियर्स का फर्क नहीं आता . जिस रैगिंग की बातकी जा रही है वो आधारित है १२ अगस्त को यहाँ के साबरमती हॉस्टल में घटी हुई उस घटना के ऊपर जहाँ ३ फ्रेशेर्स अपने सीनियर्स से सेमिनार के बारे में जानकारी लेने के लिए वह लंच के बाद आये हुए थे . ठीक उसी समय वहां एंटी रैगिंग दल आता है और वहां उपस्थित सीनियर्स से बिना कुछ पूछे उनसे बहुत ही बदतमीजी से पेश आता है . वहां पर उपस्थित सीनियर्स में से एक महेश गिरी (वहां उपस्थित फ्रेशेर के भाई का दोस्त)का कोललर पकड़ के उसको बिस्तर पर धकेल दिया जाता है . १ अन्य सीनियर मो . इकबाल उस समय वहां पर नेट सर्फिंग कर रहा होता है , तो उसके कंप्यूटर से नेट केबल निकाल के फेंक दिया जाता है और उसको बोला जाता है की क्या इसको नेट सर्फिंग की दूकान समझ रखा है !
वहां मौजूद फ्रेशेर्स को वहां से निकाल के १ अलग रूम में ले जाया जाता है और वहां उन पर दवाब डाला जाता है की वो स्वीकार करे की उनकी यहाँ रैगिंग हो रही थी ! उनके मना करने पर उनको बोला जाता है की वो अगर ऐसा नहीं लिखेंगे तो उनका admission रद्द कर दिया जायेगा ! अब जो बच्चे सिर्फ १० दिन पहले ही यहाँ आये हो और उन पर प्रसाशन ही ऐसा दवाब डाले तो क्या होगा ?
फिर भी वहां पर मौजूद फ्रेशेर्स ये सब लिखने से मना कर देते है ! ये होने के कुछ ही देर बाद मुझे इस बारे में मालूम चल जाता है.
पर हम लोग बिलकुल बेफिक्र थे क्योकि हम लोगो को पता था कि हम लोगो ने कुछ गलत किया ही नहीं है तो डरना किस बात का !
पर फिर भी हम लोग अपना पक्ष रखने के लिए शाम ५ बजे अपनी dean से मिलने के लिए जाते है पूरी तरह से बेफिक्र कि अगले कुछ दिनों में क्या होने वाला है ! उस समय कि कुछ pics –
हमारी dean हुम लोगो से बात करने से मना कर देती है (गौरतलब है कि उनको dean बने कुछ ही दिन हुए थे ) . She says -“NO NO NO , I”LL NOT HEAR YOU”.
तब भी हम लोगों को पता नहीं था कि आखिर हो क्या रहा है ! अब कुछ देर बाद मालूम चलता है कि इस पुरे प्रकरण का “हीरो”
१ फ्रेशेर ही है , नाम – बलबीर चाँद , राज्य- झारखण्ड , उसने ही साबरमती हॉस्टल में एंटी रैगिंग दल को बुलाया था ये कहकर कि वहां उस कि रैगिंग हो रही है वो भी तब जबकि वो वहां था भी नहीं ! हम लोगों ने उससे बात कि तो पता चला कि वो ये सब अपनी बहिन के कहने पर कर रहा है जो कि यहीं दिल्ली में ही हाई कोर्ट में lawyer है . कारण जो मुझे समझ आया वो यही कि वो हम लोगो कि कीमत पर अपना कैरियर चमकाना चाहती है . खैर हम लोगो ने अगले दिन का इन्तेजार किया ! अगले दिन बलबीर के साथ उसकी बहिन भी आती है और सीधे सीधे धमकी देती है कि वो हम सबको बर्बाद कर देगी ! हम लोगो में से कई उसकी बहिन के सामने रो तक पड़ते हैकि वो ऐसा न करे तो वो कहती है कि वो अपनी शिकायत वापस लेने के लिए तैयार है पुर उसके लिए हम लोगों को लिख के देना होगा कि हम लोग , अगर उसके भाई के साथ जो भी कुछ होगा उसकी जिम्मेदारी लेनी होगी. मरता क्या न करता , हम लोग लिख कर देने के लिए तैयार हो गए ,और १ संयुन्क्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर कर दिए , पर उसकी बहिन प्रशाशन के सामने ये कहती है कि हम लोग उसके भाई को शिकायत वापस लेने को धमका रहे है ! हम लोग ये जान कर सन्न रह गए .अगले ही दिन पुरे देश भर के मीडिया में ये खबर आ जाती है कि JNU भी रैगिंग का शिकार –
सबसे पहला एक्शन लिया जाता है 5th sem के चारों students के अगेंस्ट , उनको जांच पूरी होने तक हॉस्टल छोड़ने के लिखित आदेश दे दिया जाता है !
फिर उसके बाद यहाँ प्रोक्टोरिअल जांच कमिटी बैठाई जाती है 7 और उसको ७ दिनों कि समय सीमा दी जाती है अपनी जांच पूरी करने के लिए जिसमे से ३ दिन सरकारी अवकाश भी शामिल थे और फिर शुरू होता है आँख बंद कर के न्याय करने का सिलसिला .
सबसे पहले बुलाया जाता है फ्रेशेर्स को जिनकी रैगिंग होने के आरोप यहाँ सीनियर्स पर लगाये गए थे . वहां भी फ्रेशेर्स बोलते है कि उनकी कोई रैगिंग नहीं हुई , फिर भी उनको यही बोला जाता है कि तुम लोग नहीं जानते हो , तुम लोगों कि पिछले १० दिनों से रैगिंग हो रही है ! lolz !!! उसके बाद बुलाया जाता है 5th sem के चारों बन्दों को जांच के लिए ,उनके statements लिए जाते है और उनके against FIR भी file कर दी जाती है ! फिर बुलाया जाता है 3rd sem के २७ students को जिनमे PH और fractured भी शामिल थे !!! जांच होने के बाद १८ अगस्त को सभी को show cause notice दिया जाता है जिसमे लिखा होता है -“You are found guilty of grouping the juniors with the intention of ragging” . सभी लोग 19 अगस्त को शाम ०४:३० PM पर अपने reply with all evidences AD blok पर जमा कर देते हैं ! और शाम को ०५:३० PM पर मीडिया में ये खबर आती है कि JNU में १९ स्टूडेंट्स के against harsh decisions !सिर्फ १ घंटे में प्रशाशन सभी लोगों के उत्तर पड़ भी लेता है ! that was quite surprising !
हम सभी लोग shocked थे कि जो काम किया ही नहीं उसकी सजा हम लोग पा रहे है , ९ को २ साल के लिए यहाँ से बाहर कर दिया गया , १० को १ साल के लिए हॉस्टल से एक्सपेल कर दिया गया साथ ही २ passout students को ५ साल के लिए campus से out of bound कर दिया गया वो भी बिना वजह ! उसके बाद हम लोग अपना पक्ष रखने के लिए यहाँ के so called Students union ke president से मिलते है और वो भी हमारा पक्ष सुनने से मना कर देता है सिर्फ इसलिए क्योकि उसकी पार्टी AISA को कभी भी MCA स्टूडेंट्स के वोट्स नहीं मिलते ! ये यहाँ के SU का हाल है ! उसके बाद भी हम सभी concerned लोगों से मिलकर अपनी बात रखते है पर उसका भी कोई फायदा नहीं होता , फिर finally हम अपनी बात कहने के लिए यहाँ के छात्र समुदाय के पास जाते है और शुरू करते है यहाँ MCA इतिहास कि पहली INDEFINITE HUNGER STRIKE जिसको यहाँ हर सेंटर से भरी समर्थन मिलता है ! साथ ही हम लोग ने यहाँ Mess campaigning भी कि जो कि हम लोगों के लिए १ नितांत नया अनुभव था पर हमारी अनुभवहीनता भी हमको हमारी बात यहाँ के छात्रों को कहने से नहीं रोक पायी ! इसके अलावा हम लोगों ने campus में Silent Candle Protest March निकला जिसको यहाँ अपार समर्थन मिला .
हम लोग Chancellor Yashpal Sir से भी मिलते हैं और उनको अपनी बात बताते है , वो पुरे ध्यान से हम लोगों कि बात सुनते है और ये मानते हैं कि हम लोगों के साथ जो भी कुछ हुआ वो वास्तव में गलत था ! वो प्रशासन को निर्देश देते है कि सभी बच्चों को उनकी क्लास जारी करने कि अनुमति दी जाये ! इधर Registrar हम लोगों को भरोसा दिलाते हैं कि हम लोगों का मामला actively reconsider किया जायेग अ वो भी बिना किसी शर्त के और हम लोग अपनी hunger strike ख़त्म कर देते हैं !
दो दिन बाद मालूम चलता है कि जब तक सभी १९ लोग अपना apology letter लिख कर प्रशासन को नहीं देंगे तब तक वो consider नहीं करेंगे इस मामले को ! उनकी ये बात सीधे सीधे इंगित करती है कि वो अपना दामन पाक -साफ़ रखना चाहते हैं !
और कल (१६ sep) मालूम चलता है कि प्रशासन दवाब ड़ाल रहा है RTI वापस लेने के लिए !
और हम लोग १ बार फिर से परेशान हो जाते है कि अब क्या करना चाहिए , कई मीटिंग्स के दौर के बाद हम लोग सशर्त RTI वापस लेने के लिए तैयार हो जाते हैं !
आज सुबह (१७ sep) हम लोग उठते है ये सोच कर कि आज फिर से admin की pressure tactics से जूझना पड़ेगा !
पर आज कि सुबह तो शायद कुछ और ही सोच कर आई थी , १० बजे के लगभग महेश को कॉल आती है और हम लोगों को मालूम चलता है , कि academic rustication हट गया है !
एकबारगी तो यकीन ही नहीं हुआ , पर अगले ही पल हम सब एक दुसरे से लिपटे हुए थे . फिर हम लोग फैसले कि लिखित कॉपी लेने के लिए AD Blok जाते है
और वहां भी ख़ुशी का माहौल पाते है !
आखिर हमारी मेहनत रंग लायी , और हमने prove कर दिया कि हम एक परिवार कि तरह सोच सकते हैं , काम कर सकते है ,जीत सकते है !
इस जीत में मै व्यक्तिगत तौर पर धन्यवाद देना चाहता हूँ अपने juniors batch तथा alumnus को , जिन्होंने दिखा दिया कि वो आज भी इस परिवार का हिस्सा है !
They care for us !
चाहे भले ही उनमे से कई यहाँ हमारा साथ देने के लिए ना आ पाए हों पर उनका १-१ शब्द हमारा संबल बना इस लडाई में !
मुझे विश्वास है हम याद रखे जायेंगे JNU MCA के इतिहास में कि यहाँ ऐसे भी लोग हुए थे जो अपने हक कि लडाई के लिए आगे आने वालों के लिए एक आदर्श स्थापित कर गए !
आमीन !
have no words 2 say yaar……..jus Hatts off…….hope u and ur batchmets get back their positions….
$ JNU
Hatts offfff Fightersssssssss!!!
Bravo…..!!
Cool Post Dude..
Humne Humari Takat Dikha di….
Humne aakhir ye saabit kar diya ki agar JNU-Family kahi exist karti hai toh wo true sense mai JNU-MCA mai hi hai….
Other people should come and see that wht is JNU-Family in SC&SS..
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Excellent
you people show the power of unity
great